व्यंग लेखन साहित्य की दुनिया में सबसे सशक्त विधा है, पर साथ ही उतनी ही मुश्किल और जटिल भी है। एक गंभीर समस्या पर तंज़ भी किया जाये और वो कटुता से भी दूर हो। बिना कड़वाहट उड़ेले अपनी बात कह देने की ये कला चंद लोगों ने बड़ी निपुणता के साथ निभाई है। हिंदी साहित्य के व्यंग्य लेखन में शरद जोशी उस्तादों में गिने जाते हैं। अपनी ज़िन्दगी में उन्होंने कहानियां लिखीं, dialogue और script writing की, धारावाहिकों के लिए लेखन किया - पर व्यंग्य लेखन उनकी पहचान बना रहा। आज 21 मई 2022 को उनकी 91वीं सालगिरह है। पढ़िए उनकी कलम के चंद व्यंग जो एक अरसे बाद भी प्रासंगिक है